दिल में बहुत दर्द है
क्या बताऊँ किसे सुनाऊँ
हँस तो रही हूँ दिखावटी
पर इन आँसुओं को कैसे छुपाऊँ
एक ख्वाहिश है दिल में
जो कुचल दी सबने
आब तो थामे भी थमते नहीं हैं आँसू
बची है तो बस एक दबी सी आशा
तरस गई
बहुत बरस गई
नजाने कब वो दिन आएगा
जो विशवास जगाएगा
अब डर डर के जीती हूँ
जी जी के पीती हूँ आँसू
दर्द बहुत है दिल में
क्या बताऊँ किसे सुनाऊँ
हँस तो रही हूँ दिखावटी
पर इन आँसुओं को कैसे छुपाऊँ।।